संसद में कुत्ता लेकर पहुंच गईं कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी; कहा- असली काटने वाले तो संसद में बैठे सरकार चलाते, बवाल हो गया
Congress MP Renuka Chowdhury Dog Controversy Parliament Session 2025
Renuka Chowdhury Dog Controversy: संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी सांसदों ने मुख्यता मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चर्चा की मांग करते हुए सरकार की घेराबंदी की। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई। वहीं जहां सदन के अंदर विपक्ष और सरकार के बीच घमासान मचा था तो इस बीच सदन के बाहर कुत्ते को लेकर बड़ा सियासी बवाल खड़ा हो गया।
दरअसल कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी एक कुत्ते को लेकर संसद परिसर आ गईं और उसके बाद उन्होंने बयान दिया कि ये कुत्ता तो किसी को नहीं काटता लेकिन असली काटने वाले जो संसद में बैठे सरकार चलाते हैं, उनका तो कोई एतराज नहीं है। बता दें कि बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे संसद की गरिमा और मर्यादा के विपरीत बताया है। बीजेपी ने इस कृत्य के लिए रेणुका चौधरी पर कार्रवाई की मांग भी की है।
वहीं जब मीडिया ने इस बारे में बातचीत करते हुए कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी से पूछा, ''आप पर आरोप लगा है कि आप संसद में कुत्ता लेकर आए और प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है'' तो इस पर उन्होंने कहा, "कोई कानून बना है क्या? मैं रास्ते में आ रही थी। वहां पर एक स्कूटर और एक कार की टक्कर हुई। वहीं पर ये कुत्ता सड़क पर घूम रहा था। मुझे लगा कि इसे टक्कर लग जाएगी। तो मैंने इसे उठाया, कार में रखा और संसद आ गई और बाद में इसे कार से वापस भेज दिया। तो इस पर चर्चा का क्या मतलब है?
रेणुका चौधरी ने आगे कहा, ''असली काटने वाले तो संसद में बैठे हैं। वे सरकार चलाते हैं। उनका कोई एतराज नहीं है, हम एक बेजुबान जानवर की देखभाल करते हैं, और यह एक बड़ा मुद्दा और चर्चा का विषय बन गया है। क्या सरकार के पास और कुछ करने को नहीं है? मैंने कुत्ते को घर भेज दिया है और कहा कि इसे घर पर ही रखो। क्योंकि हम ऐसे जानवरों की देखभाल करते हैं। जो संसद में बैठकर हमें रोज़ काटते हैं उनके बारे में कोई बात नहीं की जाती।''

फिलहाल संसद में कुत्ते के इस विवाद पर बड़ा सियासी बवाल खड़ा होता दिख रहा है। बीजेपी के दिग्गज नेता और सांसद जगदंबिका पाल ने इस मुद्दे को उठाते हुए इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर दी है। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने इस घटना को विशेषाधिकार का दुरुपयोग बताया है और कहा है कि कांग्रेस सांसद का इस तरह का रवैया ठीक नहीं है जो कि संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाता है और अमर्यादित आचरण है। यह एक तरह से लोकतंत्र का अपमान भी है क्योंकि यह जनता की ओर से चुने गए जनप्रतिनिधियों का सदन है।